क्या है NAAC ग्रेडिंग? CGPA के आधार पर होती है ग्रेडिंग -
भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों के गुणवत्ता का निर्धारण के लिए प्रत्येक प्रमुख पहलू/पैरामीटर पर गौर करके Colleges और Universities को CGPA (Cumulative Grade Point Average) Grading System के अनुसार मान्यता प्रदान करता है। इसमें अधिकतम CGPA 4 और 1.5 कम से कम रहता है। अगर CGPA 3.76 से 4 के बीच है तो कॉलेज को A++ ग्रेड मिलता है। इसका मतलब यह है कि वो कॉलेज सबसे बेहतर है। इसी तरह से CGPA के आधार पर A+, A, B++, B+, B, C और D ग्रेड दिए जाते है।
NACC- NATIONAL ASSESSMENT AND ACCREDITATION COUNCIL-
राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) एक ऐसा संगठन है जो भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों का आकलन और मान्यता देता है। यह भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC (University Grants Commission) द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त निकाय है जिसका मुख्यालय बैंगलोर में है। इसकी स्थापना 1994 में हुई थी।
NAAC यूजीसी का एक हिस्सा है। इसका काम देशभर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखना और उनको रेटिंग देना है।
UGC की नई गाइडलाइन के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए NAAC (National Assessment and Accreditation Council) से मान्यता प्राप्त करना आवश्यक है। अगर किसी संस्थान ने इसकी मान्यता नहीं ली है तो उसे किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
वर्तमान समय में पूरे भारत में लगभग 800 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज और 4500 से भी अधिक Colleges हैं। इस कारण इन सभी Colleges और Universities में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता व मूलभूत सुविधाओं को परखना आवश्यक है।
इसीलिए आज के समय में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए NAAC की मान्यता प्राप्त करना आवश्यक है। यदि किसी संस्था को NAAC की मान्यता नहीं मिलती है तो वह संस्था कई सरकारी योजनाओं schemes से वंचित रह जाती है।
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